9b45ec62875741f6af1713a0dcce3009 Indian History: reveal the Past: रविन्द्रनाथ टैगोर

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मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

रविन्द्रनाथ टैगोर

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प्रस्तावना

प्रस्तुत लेख में हम महान कवि रविन्द्रनाथ टैगोर के बारे में चर्चा करेंगे वे एक महान कवि होने के साथ ही एक चित्रकार भी थे। उनका जन्म7मई1861कोलकत्ता में हुआ था। उन्हें"गुरुदेव"के नाम से भी जाना जाता है और वे विश्व के पहले साहित्यिक नोबेल पुरस्कार विजेता हैं,जिसे उन्होंने1913में"गीतांजलि"के लिए प्राप्त किया। वे एक महान भारतीय कवि,लेखक,संगीतकार और चित्रकार थे। रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान न केवल साहित्य में बल्कि भारतीय संस्कृति और शिक्षा में भी महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की,जो एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान बन गया है। उनकी रचनाएँ आज भी विश्वभर में पढ़ी जाती हैं और उनका प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।.

जीवन परिचय

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म7मई1861को कोलकत्ता के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था।उनके पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था। टैगोर के बचपन में ही उनकी माता का देहांत हो गया था अतः पिता जी को व्यापारिक कारोबार के चलते हमेशा घर से बाहर ही रहना पड़ता था जिसके परिणामस्वरुप इनका पालन-पोषण नौकर चाकरों द्वारा किया गया। शिक्षा-उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेन्ट जेवीयर स्कूल से घर पर ही प्राप्त की और बाद में वकालत की पढ़ाई के लिए1878में इंग्लैंड के ब्रिजटोन के पब्लिक स्कूल में नाम लिखवाया,इसके बाद उन्होने ने लन्दन विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेेना प्रारम्भ किया,मगर1880में बिना कानून की डिग्री लिए भारत वापस लौट आये।. 1883में मृनालिणी देवी से इनकी शादी हो गयी।.टैगोर जी को पांच संताने हुय़ी जिनमें से दो अपने बचपन में ही मर गयी।.

टैगोर जी के बड़े भाई का नाम व्दिजेन्द्रनाथ था जो कि पेशे कवि थे एवं उनके दुसरे भाई का नाम सत्येन्द्रनाथ जो कि प्रथम भारतीय सिविल सर्वेन्ट थे। इनके तीसरे भाई ज्योतिरेन्द्रनाथ एक उच्च कोटी के संगीतकार और नाटकार थे। टैगोर जी एक बहिन भी थीं जिनका नाम स्वर्णकुमारी था वे पेशे से उपन्यासकार थीं।.टैगोर का निधन7अगस्त1941को हुआ। उनके जीवन और कार्यों ने उन्हें भारतीय संस्कृति का एक अमिट प्रतीक बना दिया है।

साहित्यिक योगदान

टैगोर विभिन्न साहित्यिक गद्यों में रचनाएँ करते हैं,जिनमें कविता,नाटक,उपन्यास,और कुछ लघु कहानियाँ शामिल हैं। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं:

गीतांजलि-यह उनकी सबसे प्रसिद्ध काव्य रचना है,जिसमें103कविताएँ शामिल हैं।

गोरा-यह महाकाव्यात्मक उपन्यास प्रस्तुत करता है भारतीय समाज और संस्कृति की जटिलताओं।

घरे-बाहिरे-यह एक सामाजिक उपन्यास है,जो व्यक्ति और समाज के संबंधों पर विश्लेषण करता है।

संगीत

टैगोर ने"रवींद्र संगीत"भी रचा,जो भारतीय संगीत का अहम हिस्सा है। उनका"जन गण मन"भारतीय राष्ट्रीय गान है और"आमार सोनार बांग्ला"बांग्लादेश राष्ट्रीय गान है।रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान न केवल साहित्य में बल्कि भारतीय संस्कृति और शिक्षा में भी महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की,जो एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान बन गया। उनकी रचनाएँ आज भी विश्वभर में पढ़ी जाती हैं और उनका प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।.रवींद्रनाथ टैगोर ने लगभग2,230गीतों की रचना की,जिन्हें"रवींद्र संगीत"कहा जाता है। उनके द्वारा रचित"जन गण मन"भारत का राष्ट्रीय गान है,जबकि"आमार सोनार बांग्ला"बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान है।

साहित्यिक योगदान

यह एशिया का पहला नोबेल पुरस्कार था।

नॉवल-उनके प्रमुख नॉवलों में"गोरा", "घरे-बाइरे",और"चोखेर बाली"शामिल हैं।

स्टोरी-उनकी कहानियाँ जैसे"काबुलीवाला"और"पोस्टमास्टर"भी बहुत प्रसिद्ध हैं।

प्ले:टैगोर ने कई प्ले भी लिखे,जिनमें"रक्तकरवी"और"डाकघर"शामिल हैं।

शांतिनिकेतन और विश्व भारती

1901में उन्होंने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में एक प्रायोगिक विद्यालय की स्थापना की,जिसे बाद में विश्व भारती विश्वविद्यालय का नाम दिया गया। यह विद्यालय शिक्षा के नए तरीकों को अपनाने के लिए प्रसिद्ध हुआ।

रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान न केवल साहित्य में बल्कि समाज और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण रहा। उनकी रचनाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और उनका प्रभाव विश्वभर में महसूस किया जाता है।

कविता

गीतांजलि:यह टैगोर की सबसे प्रसिद्ध काव्य रचना है,जिसमें103कविताएँ शामिल हैं। इसके लिए उन्हें1913में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।

सोनार तिरी-यह एक कविता संग्रह भी बहुत प्रसिद्ध है और इसमें प्रकृति,प्रेम,मानवता के विषयों पर कविताएँ हैं ।

मानसी-इस संग्रह में टैगोर की गहन भावनाएँ विचार प्रस्तुत किए गए हैं।

उपन्यास

गोरा-यह एक महाकाव्यात्मक उपन्यास है,जिसमें भारतीय समाज और संस्कृति जटिलताओं को खुलकर साकारितायें मिले हैं।

घरे-बाइरे-यह उपन्यास प्रेम और सामाजिक मुद्दों पर आधारित है।

चोखेर बाली-यह उपन्यास महिला स्वतंत्रता और सामाजिक बंधनों के विषय में है।

कहानियाँ

काबुलीवाला-यह एक प्रसिद्ध कहानी है,जो एक अफगान व्यापारी और एक छोटी लड़की के बीच की दोस्ती को दर्शाती है।पोस्टमास्टर-यह कहानी एक पोस्टमास्टर और एक ग्रामीण लड़की के बीच के संबंधों को दर्शाती है।

नाटक

रक्तकरवी-यह नाटक प्रेम और बलिदान की कहानी है।

पुस्तकालय-यह नाटक जीवन और मृत्यु पर आधारित है।

अन्य रचनाएँ

जीवनस्मृति यह उनकी आत्मकथा है,जहां उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा किए।

  1. छेलेबेला-इसमें उनके बचपन और युवा जीवन के अनुभवों का वर्णन किया गया है।रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाएँ मानवता,प्रेम,शांति और स्वतंत्रता के संदेश को फैलाती हैं। उनका योगदान न केवल साहित्य में बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण रहा है।रवींद्रनाथ टैगोर के विचार और उद्धरण उनके गहरे ज्ञान और मानवता के प्रति प्रेम को दर्शाते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उद्धरण प्रस्तुत किए गए हैं:

  2. (उपदेश देना सरल है,पर उपाय बताना कठिन)

  3. (जो लोग अच्छाई करने में स्वयं को ज्यादा व्यस्त रखते हैं,वह स्वयं को अच्छा बनने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं।)

  4. (वे यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर देंगे,तो सच अपने आप बाहर बंद हो जाएगा।"संगीत दो आत्माओं के बीच के अंतर को भरता है।)

  5. (आप केवल खड़े होकर पानी को देखने सेसमुद्रपार नहीं कर सकते।)

ये उद्धरण रवींद्रनाथ टैगोर की गहरी सोच और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और जीवन में सकारात्मकता लाने में मदद करते हैं।

रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय

(Rabindranath Tagore University),जिसे प्रमुख तौर परAISECTविश्वविद्यालय के रूप में जानते हैं,भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी शहर भोपाल से बहुत दूर नहीं है,और यहाँ का एक प्रमुख निजी विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय2010में ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी(AISECT)द्वारा स्थापित किया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय साहित्य के महानत्म लेखकों में शामिल हैं और पहले एशियाई नोबेल पुरस्कार विजेता हैं।

विशेषताएँ और पाठ्यक्रम

कैंपस:विश्वविद्यालय का परिसर50एकड़ में फैला हुआ है और इसमें आधुनिक सुविधाएँ जैसे कि प्रयोगशालाएँ,पुस्तकालय,खेल के मैदान और छात्र स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।पाठ्यक्रम-रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय विभिन्न स्नातक,स्नातकोत्तर और डिप्लोमा कार्यक्रमों की पेशकश करता है। इसमें इंजीनियरिंग,प्रबंधन,शिक्षा,कंप्यूटर विज्ञान,और अन्य क्षेत्रों में पाठ्यक्रम शामिल हैं।अनुसंधान और विकास-विश्वविद्यालय अनुसंधान-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है और उद्योग के साथ मजबूत संबंध स्थापित करता है।

स्वीकृति

रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय को यूजीसी(University Grants Commission)ने मान्यता दी है,और यह बार्कौंसिल ऑफ़ इंडिया, AICTE (All India Council for Technical Education),औरNCTE (National Council for Teacher Education)जैसे मान्यता प्राप्त संस्थानों के पारस्परिक रूप से मान्यता दी है।

स्थान प्लेसमेंट अवसर

इस विश्वविद्यालय का प्लेसमेंट सेल भी काफी सक्रिय है,जो विभिन्न कंपनियों में छात्रों के रोजगार को सुनिश्चित करने में मदद करता है। यहाँ पर उन्हें विभिन्न उद्योग-आधारित प्रशिक्षण भी प्रदान किए जाते हैं।

सांस्कृतिक गतिविधियाँ

यह विश्वविद्यालय विभिन्न सांस्कृतिक और सह-शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन भी करता है,जिससे यहाँ के छात्रों का समग्र विकास होता है।रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है और यह छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।रवींद्रनाथ टैगोर(1861-1941)एक महान भारतीय कवि,लेखक,संगीतकार,और चित्रकार थे। उनकी रचनाएँ न केवल भारतीय साहित्य में बल्कि विश्व साहित्य में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। यहाँ उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं का उल्लेख किया गया।

सोर्स-wikipedia,rntu.ac,npnvva.in,education.viksapedia.in.

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